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October 30, 2019

कितनी_होती_है_IAS- IPS_की_सैलरी, जानें_कौन_है_ज्यादा_पावरफुल?


यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा को देते हैं और सपना देखते हैं कि IAS या IPS का पद हासिल करेंगे. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं IAS और IPS में से कौन सा पद ज्यादा शक्तिशाली होता है और क्यों. आइए जानते हैं पूरी जानकारी IAS यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस, जिसके जरिए आप ब्यूरोक्रेसी में एंट्री करते हैं. आईएएस में चुने गए उम्मीदवार विभिन्न मंत्रालयों-विभागों या जिलों के मुखिया होते हैं. आईएएस अफसर भारतीय नौकरशाही के सबसे बड़े पद कैबिनेट सेक्रेटरी तक भी जा सकते हैं.

वहीं IPS यानी इंडियन पुलिस सर्विस के जरिए आप पुलिस महकमे के आला अफसरों में शुमार होते हैं. इसमें ट्रेनी आईपीएस से डीजीपी या इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई चीफ तक पहुंचा जा सकता है. यूपीएससी परीक्षा के 3 माध्यम से आयोजित की जाती है. जिसमें 3 लेवल होते हैं. 1. प्रीलिम्स, 2. मेंस परीक्षा , 2. इंटरव्यू.

#जानें- #IAS_और_IPS_में_अंतर
IAS का कोई ड्रेस कोड नहीं होता. वह हमेशा फॉर्मल ड्रेस में रहते हैं, लेकिन एक IPS हमेशा ड्यूटी के दौरान वर्दी पहनते हैं. वहीं एक IAS के साथ एक या दो अंगरक्षक मिलेंगे. वहीं एक IPS के साथ पूरी पुलिस फोर्स चलती है. जब IAS बनते हैं तो एक मेडल दिया जाता है. इसके विपरीत जब IPS बनते हैं को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है.

#क्या_है_IAS_और_IPS_के_कार्य
एक IAS अधिकारी लोक प्रशासन और नीति निर्माण और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होता है. यानी सरकार जो नीतियां बनाती है उन्हें लागू करवाने काम एक IAS अधिकारी का होता है. वहीं एक IPS अधिकारी कानून और व्यवस्था बनाए रखने और क्षेत्र में अपराध रोकने की जिम्मेदारी लेता है.

#कैसे_होती_है_ट्रेनिंग
IAS तथा IPS की शुरू के 3 महीने की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में ही होती है. जिसे फाउंडेशन कोर्स भी कहते हैं. उसके बाद IPS प्रशिक्षुओं को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) हैदराबाद भेज दिया जाता है जहां उन्हें पुलिस की ट्रेनिंग दी जाती है. हम पहले ही बता चुके हैं जो उम्मीदवार IAS ट्रेनिंग में टॉप करता है उन्हें मेडल और IPS ट्रेनिंग में टॉप करने वाले उम्मीदवार को Sword of Honour दिया जाता है. वैसे तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो IPS की ट्रेनिंग ज्यादा मुश्किल होती है. इसमें घुड़सवारी, परेड, हथियार चलाना शामिल होता है.

#कैडर_नियंत्रण_प्राधिकरण
ये पता होना जरूरी है कि IAS और IPS में नियंत्रणकर्ता कौन है. वहीं IAS का नियंत्रणकर्ता कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय होता है. वहीं IPS का नियंत्रणकर्ता गृह मंत्रालय होता है.

#डिपार्टमेंट_और_सैलरी
एक IAS अधिकारी को सरकारी विभाग और कई मंत्रालयों का काम दिया जा सकता है. वहीं IPS अधिकारी पुलिस विभाग में काम करता है. वहीं अगर सैलरी की बात करें तो IAS की सैलरी IPS से ज्यादा होती है. सातवें पे कमीशन के बाद की बात करें तो एक IAS का वेतन 56,100 से 2.5 लाख रुपये प्रति माह होता है. इसके साथ कई सुविधाएं भी दी जाती हैं. वहीं IPS का वेतन 56,100 रुपये प्रति माह से लेकर 2,25,000 रुपये प्रति माह तक हो सकता है. आपको बता दें, एक क्षेत्र में IAS एक ही होता है वहीं IPS एक से अधिक हो सकते हैं. पदानुक्रम रैंक की बात करें तो IAS सर्वोच्च रैंक है. आपको बता दें, एक IAS ही किसी जिले का DM बनता है. वहीं एक जिले में SP एक IPS ही बनता है.
पदानुक्रम रैंक की बात करें तो IAS सर्वोच्च रैंक है. आपको बता दें, एक IAS ही किसी जिले का DM बनता है. वहीं एक जिले में SP एक IPS ही बनता है.

#जानें- #कौन_ज्यादा_शक्तिशाली_है

IAS तथा IPS दोनों ही सेवाओं का जॉब प्रोफाइल बहुत ही सर्वोच्च होता है और दोनों ही बहुत शक्तिशाली पद हैं. लेकिन IAS एक डीएम के रूप में काफी ज्यादा शक्तिशाली होता है. वहीं एक IPS के पास केवल अपने विभाग की जिम्मेदारी होती है. डीएम के रूप में एक IAS अधिकारी, पुलिस विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है.
कुछ कारणों से IPS से ज्यादा शक्तिशाली IAS को माना जाता है. पहला कारण ये है कि राज्य का Director General of Police (DGP) राज्य का एक शक्तिशाली पुलिस अधिकारी होता है. लेकिन उसे गृह सचिव को रिपोर्ट करना पड़ता है.
वहीं सचिव रैंक का जो अधिकारी होता है, वह एक IAS अधिकारी होता है. ऐसे में IPS अपनी रिपोर्ट IAS को रिपोर्ट करते हैं. वहीं अक्सर देखा जाता है CBI, CRPF, BSF जैसे केंद्रीय पुलिस बलों के सभी प्रमुख IAS सचिवों को रिपोर्ट करते हैं. ऐसे में एक IPS को IAS के अंडर काम करना पड़ता है. आपको बता दें, DGP को गृह सचिव को रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है और गृह सचिव DGP का बॉस नहीं है. वह एक दूसरे के साथ समन्वय में काम करते हैं.

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