#किसी_ने_सवाल_पूछा:- ""#कितने_घंटे_पढू""
मैने कहा 'रोज छत्तीस घंटे पढा करो..बाद में समय मिले तो थोडा आराम कर लिया करो'.. उसने कहा 'ऐसे कैसे??'.. मैने कहा 'अरे यार.. आप रोज चालीस घंटे पढोगे तो थक न जाओगे?? हैं?? और सारा टाईम पढोगे तो PUBG कब खेलोगे..FB पर Like भी तो ठोकना होता है..pic पर very nice ऐसा झूठ बोलने की मेहनत के लिए भी तो समय निकलना होता है..कोई सेहत का खयाल है कि नही??' उसने कहा 'ये क्या मजाक है'.. मैने कहा 'मजाक तो आप खुद के भविष्य के साथ कर रहे हो.. fb पर pubg वालो से पढाई के समय की सलाह ले रहे हो..जैसे ढिंचक पूजा से शास्त्रीय संगीत की सलाह लेना..जैसे पाकिस्तान से आतंक कम करने की सलाह लेना'..क्या बताऊ??
आप fb पर ये सवाल पूछ रहे हो जहाँ 99% से ज्यादा लोग बस टाईमपास करने आते है.. अरे भाई आप खुद अपने पढने का समय तय नही कर सकते मतलब आपकी निर्णय क्षमता कमजोर है.. एक IAS अफसर की निर्णय क्षमता अच्छा होना #UPSC के विचार में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है..
आपने ना पाठ्यक्रम पढा..ना उसकी सही किताबो की गहराई नापी..उस गहराई को समझने के लिए आपकी दिमागी ताकत आप खुद कैसे इस्तेमाल करोगे ना ये जाना..कम से कम खुदको इतना तो पता होना ही चाहिए की एक पन्ना पढकर समझने के लिए आपको कितना वक्त लगेगा..आपका दिमाग परीक्षा के युद्ध में आपका अहम हथियार है..आपके खुद के दिमाग को कितना वक्त लगेगा ये भी आपको नही पता मतलब आप युद्ध लडने जा रहे हो और आपको आपके हथियार की ही जानकारी नही..ऐसे मे कैसे जीतोगे युद्ध??
हर इंसान की क्षमता अलग-अलग होती है..कोई किसी पाठ को 20 मिनट्स में समझ लेता है तो किसी को आधा घंटा लगता है..दुसरो के समय से कैसे तय कर सकते हो कि आपकी क्षमता क्या होगी..और वो भी fb की जनता से पूछकर जहाँ लोग सिलॅबस से ज्यादा लडकी की फोटो पर Like ठोकने में उस्ताद है.. खुद के IAS के सपने का मजाक न बनाओ.. गंभीर बनो.. गौतम गंभीर नही.. सिलॅबस को समझने मे गंभीर.. ताकि अपनी मेहनत को निखारने का सही रास्ता पा सको जो सही भी हो और किफायती भी..
आमतौर पर शुरुआती सीधा गणित ये है कि 'जिस विषय में ज्यादा अंक उसको पढने के लिए ज्यादा समय'.. लेकिन ये अनुभव बताता है कि ये गणित हमेशा काम नही आता..क्योंकि सिलॅबस मे कुछ ऐसे मुद्दे भी है जिन्हें कम अंक है लेकिन पढना ज्यादा होता है और उन्हे अंदेखा भी नही कर सकते क्योंकि वो बहोत अहम भी होते है(वैसे तो सब अहम ही है😕😕!!) ..उसमे भी सही किताब कौन-सी होगी..उस किताब में जानकारी छोटी होगी या बडी और जैसी भी होगी उसको लेकर आपका दिमाग उसे पढकर समझने मे कितना समय लेगा और उसकी नोट्स आप कैसे बना पाओगे ये सब समझना होता है..क्योंकि इतनी सारी जानकारी की बिना शाॅर्ट नोट्स बनाए आप रिविजन नही कर सकते..रिविजन नही हुई तो याद नही रहेगा याद नही रहेगा तो परिक्षा मे लिख नही पाओगे..और लिख ही नही पाओगे तो UPSC आपको देश मे पहली Rank प्रदान करेगा..है ना?? मतलब ये सब खुद सोचने समझने की जरूरत होती है..जब आप इन सारी बातो को समझोगे तब आपको कोई बवकूफ नही बना पाएगा..और ये जरूरी भी है..क्योंकि इंटरनेट पर आज इतनी जानकारी है कि कोई भी आपको फंसा सकता है.. उनकी बकवास जानकारी आप IAS बनने के लिए अच्छी समझकर पढकर समय बिताते रहोगे लेकिन पास न हो पाओगे..क्योंकि आपने अपनी समझ ही विकसीत नही की होगी..बस fb पर किसी से पूछ लिया और मान लिया..अरे भाई ज्यादातर युट्यूबर्स को भी आपके पास होने मे कोई दिलचस्पी नही होती..वो बस like share subscribe से पैसा कमाना चाहते है..इसलिए वो भी घटिया/अपूर्ण जानकारी के आकर्षक विडिओज दिखाकर आपको भटका सकते है..आप भटकते रहोगे और गंभीर अभ्यर्थी लाईब्ररी में पढकर पास भी हो जाऐंगे..फिर 2-4 बार फेल होने के बाद आपको अकल आएगी कि खुद की समझ विकसित करके ही आगे बढना सही था..न कि किसी फेसबुकिये से सलाह लेकर भविष्य तय करना..
आपकी खुद की सोच जितनी विकसित होगी उसी के आधार पर UPSC आपका चयन करेगा.. दुसरो की सलाह पर खुद की निर्णय क्षमता तय करने की अविकसित सोच के व्यक्ती को UPSC आखिर IAS के अधिकार क्यों देना चाहेगा??
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